भेड़/बकरी का मांस
बकरी-भेड़ भारत के पशुधन के मुख्य पशु हैं जिसका कारण कम अवधि में उत्पत्ति, बहुप्रजननता की उच्च दर और सहजता के बकरी और इसके उत्पाद का विक़्रय है। ग्रामीण क्षेत्र और व्यक्तियों के विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। गुणवत्ता सुधारने के लिए स्थानीय शुरूआत और पनीर, मांस एवं रेशे के नवीन उत्पाद से सम्पूर्ण विश्व के पर्यावरण अनुकूल वातावरण में सतत् विकास में बकरी की भूमिका हो सकती है। तथापि महत्वपूर्ण आर्थिक कार्यकलाप के रूप में बकरी एवं भेड़ उद्योग का भविष्य उन देशों के जीवन स्तर पर निर्भर है जिनमें बकरी उत्पाद का बाजार है।

उत्पादन के क्षेत्र:
राजस्थान, जम्मू, और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तरी एवं पूर्वी हिमालय के पहाड़ी क्षेत्र भारत के अधिकतम पशुधन जनसंख्या क्षेत्र हैं।

इस उप-शीर्ष के तहत अलग-अलग उत्पाद निम्नप्रकार हैं:-

मेमने का पशु शव (ताजा)
भेड़ का पशु शव (ताजा)
भेड का हड्डी सहित मांस (ताजा)
भेड का हड्डी रहित मांस (ताजा)
मेमने का पशु शव (फ्रोजन)
भेड़ का पशु शव (फ्रोजन)
भेड का हड्डी रहित मांस (फ्रोजन)
भेड का हड्डी सहित मांस (फ्रोजन)
बकरी का मांस

भारत तथ्य और आकड़ें :
यह देश विश्व का भेड़ बकरी के मांस का सबसे बड़ा निर्यातक है। देश वर्ष 2022-23 के दौरान विश्व को 537.18 करोड़ रुपए / 66.92 मिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत के 9,592.31 मीट्रिक टन भेड़ बकरी मांस का निर्यात किया है।


प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23): संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, मालदीव, और ओमान।