प्रसंस्कृत मांस
भारत की कुल प्रसंस्करण क्षमता प्रतिवर्ष एक मिलियन टन है जिसमें से 40-50 प्रतिशत ही उपयोग हो पाता है। वर्ष 2022-23 में भारत द्वारा 2,022,390.94 टन मांस, अधिकांशतः भैंस के मांस का निर्यात किया जाता है। भारतीय भैंस के मांस की अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में इसके चर्बी रहित जैविक स्वरूप की वजह से काफी मांग है। गौ स्लॉटर की भांति भैंस को मांस के लिए स्लॉटर करने के कोर्इ सामाजिक निषेध नहीं है। बकरी और भेड़ का मांस स्थानीय मांग की आपूर्ति करने में लगभग पूरा हो जाता है।

 

हाल ही की पद्धतियों के अनुसार भारत में आधुनिकतम एबेटॉयर-सह-मांस प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना की जाएगी । भारत ने पहले ही 10 अध्यतन यांत्रिकी सुसज्जित एबेटॉयर-सह-मांस प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना विभिन्न राज्यों में भैंसों और भेड़ों को स्लॉटर करने पर आधारित है। यह संयंत्र पर्यावरण उन्मुख है जहां पशु वध गृह के उप-उत्पादों को मीट एवं बोन मिल, चर्बी , बोन चिप्स तथा अन्य मूल्य वृद्धि उत्पादों का उपयोग किया जाता है। ऐसे कर्इ अन्य पशु वध गृह निर्माणाधीन हैं। यह सभी संयंत्र विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के अंतर्राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य कोड द्वारा अपेक्षित स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता उपायों का अनुसरण करते है। ये संयंत्र मुख्यतः निर्यात के लिए भैंस के मांस का उत्पादन करते हैं। भारत भैंस के मांस का एक मुख्य निर्यातक देश बनता जा रहा है और अध्यतन एबेटॉयर-सह-मांस प्रसंस्करण संयंत्रों की अधिक मात्रा में स्थापना में अंतर्राष्ट्रीय बाजार मुख्य भूमिका निभाएगा।


उत्पादन के क्षेत्र:

आंधप्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, भारत में प्रसंस्कृत मांस उत्पादन के मुख्य स्रोत है।   

इस उप-शीर्ष के तहत व्यक्तिगत उत्पाद इस प्रकार से हैं:

सौसेजिस और केन्ड मीट
होमोजेनिज्ड मीट प्रिप्रेशन्स
परिरक्षित मांस
अन्य पोल्ट्री मांस
बोवाइन पशुओं के संरक्षित मांस
मांस एक्स्ट्रैक्ट और मांस जूस

भारत तथ्य और आकड़ें :
देश ने वर्ष 2022-23 में विश्वभर में 331.57 मीट्रिक टन प्रसंस्कृत मांस का निर्यात किया और 11.72 करोड़ रुपए / 1.47 मिलियन अमरीकी डॉलर अर्जित किए।


प्रमुख निर्यात गंतव्य (2022-23): कुवैत, भूटान, कतर, सन्युक्त अरब अमीरात, तुर्की और कंबोडिया।