पुष्पकृषि एवं बीज
Flori

भारत में कई कृषि – जलवायु क्षेत्र हैं जो नाजुक और कोमल फूलों की खेती के लिए अनुकूल है। उदारीकरण के पश्चात् के दशक के दौरान पुष्पकृषि ने निर्यात के क्षेत्र में विशाल कदम रखा है। इस युग में सतत उत्पादन के स्थान पर वाणिज्यिक उत्पादन के साथ गतिशील बदलाव देखा गया है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय पुष्पकृषि डेटाबेस के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान भारत में पुष्पकृषि उत्पादन के लिए 283 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र था जिसमें से शिथिल फूलों का उत्पादन 2295 मिलियन टन हुआ तथा खुले फूलों का उत्पादन 833 हज़ार टन हुआ (स्रोतः कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, तीसरा अग्रिम अनुमान, 2021-22)। पुष्पकृषि कई राज्यों में व्यावसायिक रूप से की जा रही है और मिजोरम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, हरियाणा, असम और छत्तीसगढ़ को पीछे छोड़ते हुए कर्नाटक (15.85%), तमिलनाडु (15.16%), मध्य प्रदेश (13.66%) और पश्चिम बंगाल (10.61%) राज्यों में पुष्पकृषि की हिस्सेदारी बढ़ गई है।


भारतीय पुष्पकृषि उद्योग में गुलाब, रजनीगंधा, ग्लेड्स, एंथुरियम, कार्नेशन, गेंदा आदि फूल शामिल है। पुष्पकृषि अत्याधुनिक पॉली और ग्रीनहाउस दोनों तरह की स्थितियों में की जाती है।


भारत में वर्ष 2022-23 में फूलों का कुल निर्यात 707.81 करोड़ रुपए/ 88.38 मिलियन अमरीकी डॉलर का रहा। प्रमुख आयातक देश संयुक्त राज्य अमरीका, नीदरलैण्ड, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी थे। भारत में 300 से अधिक निर्यातोन्मुख इकाईयां हैं। फूलों की 50% से अधिक इकाईयां कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में है। विदेशी कम्पनियों से तकनीकी सहयोग के साथ भारतीय पुष्पकृषि उद्योग विश्व व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की ओर अग्रसर है।


भारत फल और सब्जी के बीजों का भी निर्यात करता है और वर्ष 2022-23 के दौरान 827.13 करोड़ रुपए/ 103.28 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात किया गया। संयुक्त राज्य अमरीका, नीदरलैण्ड, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात और थाइलैंड भारत के फल और सब्जी बीज के मुख्य बाजर रहे हैं।

 

पुष्पकृषि

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निर्यात

फलों और सब्जियों के बीज

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निर्यात