बाज़ार विकास
उप-घटक

सहायता का स्वरुप

क.)       पैकेजिंग विकास

 

उप-घटक -1

 

अ.) पैकेजिंग मानकों और डिजाइन के विकास हेतु गतिविधि

आ.) पूर्व विकसित पैकिंग मानकों का उन्नयन

एपीडा आंतरिक योजना के लिए 100%

उप घटक -2

 

एपीडा द्वारा विकसित किए गए या अपनाए गए मानकों और विनिर्देशों के अनुसार पैकेजिंग सामग्री के उपयोग के लिए निर्यातकों को सहायता

ताजे फलों और सब्जियों, फूलों और अंडों के पैकेजिंग सामग्री  (आंतरिक पैकेजिंग सामग्री जैसे पुनेट, स्लीवस, रबर बैंड इत्यादि) के कुल लागत का 25% जिसकी अधिकतम सीमा प्रति हिताधिकारी 5 लाख रु प्रति वर्ष है।

संभाव्यता अध्ययन, सर्वेक्षण, कंसल्टेंसी और डाटाबेस अपग्रेडेशन

उप-घटक – 1

 

उत्पादों, बुनियादी सुविधाओं इत्यादि के  आधार के साथ बाजार की जानकारी का विकास और प्रसार।

100% एपीडा द्वारा कार्यान्वित किया जाए।

उप-घटक – 2

 

व्यवहार्यता अध्ययन के संचालन इत्यादि हेतु सहायता

एमडीए / एमएआई दिशा निर्देशों के अनुसार कुल लागत का 50% जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए प्रति हिताधिकारी  है।

उप-घटक – 3

 

सरकारी / अर्ध-सरकारी संगठनों द्वारा सेवा/सहायता समूह को अथवा अनेक ऐसे निर्यातकों के लिए सामान्य सुविधा प्रदान करने हेतु ऐसे संघो /बोर्डों / एपेक्स निकायों इत्यादि के सदस्यों के लिए सर्वेक्षण, संभाव्यता अध्ययन इत्यादि को आयोजित करने हेतु सहायता  

एमडीए योजना के दिशा निर्देशों के अनुरुप सहायता प्रदान की जाए

निर्यात संवर्धन और बाजार विकास

 

उप-घटक – 1

 

एपीडा द्वारा आयोजित मेलों / आयोजन के लिए प्रचार और बाजार संवर्धन हेतु सामग्री,  सैम्पल , उत्पाद साहित्य, वेबसाइट के विकास, विज्ञापन आदि की आपूर्ति

100% एपीडा द्वारा कार्यान्वित किया जाए

उप-घटक – 2

 

एपीडा द्वारा उत्पाद साहित्य, प्रचार सामग्री, , विज्ञापन, फिल्म इत्यादि के द्वारा प्रचार और प्रोत्साहन

100% एपीडा द्वारा कार्यान्वित किया जाए

उप-घटक – 3

 

विज्ञापन आदि के माध्यम से ब्रांड प्रचार (उत्पाद विशिष्ट भारतीय ब्रांड)। भारतीय मूल की ब्रांडों के लिए ब्रांड प्रमोशन, अंतर्राष्ट्रीय प्रिंट में विज्ञापन/ इलैक्ट्रानिक मीडिया आदि

खातों की लेखा परीक्षा आधारित प्रतिपूर्ति के आधार पर कुल लागत का 25% जिसकी अधिकतम सीमा 50 लाख रुपए प्रति वर्ष  है। निर्यातक के लिए लगातार 3 वर्षों से अधिक लागू नहीं होगा। वाणिज्य विभाग के अनुमोदन से एपीडा द्वारा सहायता प्रदान करने हेतु मानदंड तैयार किए जाएंगे।

उप-घटक – 4

 

क्रेता-विक्रेता बैठक,  उत्पाद प्रचार , प्रतिनिधि मंडलों  का विनिमय, प्रदर्शनियों / मेलों / आयोजन आदि में भाग लेने आदि कार्य के लिए एपीडा द्वारा निर्यात संवर्धन।

एपीडा हेतु निर्यातकों के लिए लागत का 100%, सहायता एमडीए के दिशा निर्देशों के अनुरुप प्रदान की जाए

उप-घटक – 5

 

एपीडा अनुसूचित उत्पादों का सामान्य प्रचार

एपीडा के लिए लागत का 100%

उप-घटक – 6

 

विश्व के प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों में मार्केट सुविधा केन्द्र

निर्धारित केन्द्रों पर निर्धारित उत्पादों के लिए विपणन अध्ययन / सर्वेक्षण के आधार पर निर्धारित, शोरूम / गोदामों की स्थापना पट्टे पर या किराए पर की जाए। एक या अधिक योग्य एजेंसियों द्वारा और एक या एक से अधिक उत्पाद श्रेणियों के लिए इस तरह के शोरूम / गोदामों की स्थापना की जाए।

प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष  में घटक के अंतर्गत पट्टे / किराए पर  शुल्क का क्रमश: 75%, 50% और 33% सहायता के रूप में प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक बाजार / उत्पाद के लिए प्रतिवर्ष 100 लाख रुपए की अधिकतम सीमा लागू होगी।

 

हालांकि, बहु उत्पाद शोरूम / गोदाम (ओं) के संदर्भ में प्रत्येक बाजार / उत्पाद के लिए प्रतिवर्ष 100 लाख रुपए की अधिकतम सीमा लागू होगी।

 

एपीडा द्वारा इस तरह की अधिकतम गतिविधियों के प्रभाव और प्रदर्शन की समीक्षा के बाद पट्टे / किराए के लिए प्रति वर्ष 25% की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो केवल तीन वर्ष तक लागू होगी।

उप-घटक – 7

 

सामान्य उत्पादों के लिए विदेशी बाजारों में चयनित उच्च मूल्य के प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की ब्रांड छवि के विकास और स्थापना हेतु सहायता जहां संभव है वहां केवल आईबीईएफ के साथ साझेदारी से की जाएगी।

एपीडा के लिए 100%

7 (क.) अंतर्राष्ट्रीय डिपार्टमेंटल स्टोर में प्रदर्शन:

स्थानीय वितरक / प्रमुख स्टोरों का सहायक उपकरण के रुप में उपयोग करते हुए सामान्य उत्पादों को प्रोत्साहित किया जएगा। अंतर्राष्ट्रीय डिपार्टमेंटल स्टोर चेन विपणन अध्ययन / सर्वेक्षण के आधार पर निर्धारित की जाए।

 

7 (ख.) प्रचार अभियान और ब्रांड संवर्धन :

निर्धारित बाज़ार में निर्धारित उत्पाद / उत्पादों हेतु गहन प्रचार अभियान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की ब्रांड की पहचान बनाने विभिन्न साधनों के माध्यम से सहायता मिलेगी। योग्य निर्यातक भी भारतीय ब्रांड स्थापित करने के लिए प्रचार अभियान शुरू कर सकते हैं।

 

7 (ग.) "उच्च मूल्य वर्धित" उत्पादों के चयन हेतु मानदंड :

अ.) अंतिम उत्पाद के कच्चे माल को एपीडा अनुसूचित उत्पाद होना आवश्यक है।

आ.) निर्यात किए जाने वाला अंतिम उत्पाद 1000 ग्राम या उससे कम की उत्पाद सामग्री के साथ उपभोक्ता पैक में होना चाहिए।

 

इस घटक के लिए उपयुक्त अंतिम उत्पादों की सूची निम्नलिखित हैं:

मादक पेय: वाइन

अनाज और दाल से निर्मित उत्पाद फुटकर पैक में: मैकरॉनी, पास्ता, नूडल्स,  पाई , केक, कुकीज़, बेकरी उत्पाद, कस्टर्ड,  नमकीन , आरटीई (फ्रोज़न परांठे, रेडी टू सर्व पुलाव/बिरयानी,  रेडी टू सर्व दाल आदि)

खुदरा पैक में कोको उत्पाद : चॉकलेट

खुदरा पैक में डेयरी उत्पाद : मक्खन, बटर ऑयल/ घी, पनीर, क्रीम, आइस क्रीम, पनीर,  रेडी टू ईट आदि

खुदरा पैक में अन्य प्रसंस्कृत फल और सब्जियां : जूस. जै, जैली, आईक्यूएफ उत्पाद, रेडी टू ईट खाद्य जैसे समोसा, कटलेट्स, रेडी टू सर्व सब्ज़ियां, मिश्रित बादाम और किशमिश आदि।

खुदरा पैक में पोल्ट्री उत्पाद : रेडी टू ईट उत्पाद आदि

खुदरा पैक में कंफेक्शनरी और मिष्ठान : डेज़र्ट, फ्रोज़न डेज़र्ट, मिठाई जैसे रसगुल्ला, कालाजामुन, संदेश आदि

खुदरा पैक में अन्य प्रसंस्कृत उत्पाद : मार्जरीन (कृत्रिम मक्खन), बीबीक्यू सॉस, मेयोनेज़, पीनट बटर आदि।